BHU में एशिया की सबसे बड़ी साइबर लाइब्रेरी
साइबर लाइब्रेरी के रूप में बनारस को एक और तोहफा मिल गया है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की सेंट्रल लाइब्रेरी अब एशिया की सबसे बड़ी साइबर लाइब्रेरी बन गई है. ई-रिसोर्सेज से युक्त 450 कंप्यूटर्स वाली इस अत्याधुनिक लाइब्रेरी की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी.
लाइब्रेरी में पढ़ाई के लिए छात्रों की हर सुविधा का खयाल रखा गया है. यहां तक कि रात के समय में स्टूडेंट्स को हॉस्टल्स तक छोडऩे और कैंटीन की व्यवस्था भी की गई है. हालांकि बीएचयू की गायकवाड़ सेंट्रल लाइब्रेरी में साइबर लाइब्रेरी एक साल पहले ही खुल गई थी, लेकिन इसे विस्तार अब मिल पाया है.
10 करोड़ रुपये की लागत
जानकारी के मुताबिक इस साइबर लाइब्रेरी को विकसित करने में करीब दस करोड़ रुपये की लागत आई है. लाइब्रेरी के सेकंड फेज का शुभारंभ बुधवार को कुलपति डॉ. लालजी सिंह ने किया. सेकंड फेज पूरा होने से इस एसी लाइब्रेरी में 450 कंप्यूटर युक्त केबिनों में स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा छात्रों को कंप्यूटर नेटवर्किंग और वाई-फाई की सुविधा भी दी गई है. यह लाइब्रेरी बीएचयू के दक्षिणी राजीव गांधी कैंपस में बनाई गई है.
जानकारी के मुताबिक इस साइबर लाइब्रेरी को विकसित करने में करीब दस करोड़ रुपये की लागत आई है. लाइब्रेरी के सेकंड फेज का शुभारंभ बुधवार को कुलपति डॉ. लालजी सिंह ने किया. सेकंड फेज पूरा होने से इस एसी लाइब्रेरी में 450 कंप्यूटर युक्त केबिनों में स्टूडेंट्स पढ़ाई कर सकेंगे. इसके अलावा छात्रों को कंप्यूटर नेटवर्किंग और वाई-फाई की सुविधा भी दी गई है. यह लाइब्रेरी बीएचयू के दक्षिणी राजीव गांधी कैंपस में बनाई गई है.
लाइब्रेरियन डॉ. एके श्रीवास्तव का दावा है कि संसाधन व सुविधा की दृष्टि से अब बीएचयू को एशिया की सबसे बड़ी साइबर लाइब्रेरी होने का गौरव मिल गया है. बीएचयू की साइबर लाइब्रेरी खास है, क्योंकि यहां हिंदी, संस्कृत व साहित्य में इंटरनेट पर उपलब्ध ई-रिर्सोसेज का कलेक्शन कर वेब पोर्टल बनाया गया है. वेब पोर्टल पर हिंदी के सर्च इंजन और संस्कृत की मुख्य ऑन लाइन पत्रिकाएं, विश्वकोष, शब्दकोश और शैक्षणिक व अनुसंधान से संबंधित सामग्री उपलब्ध होगी.
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